नई दिल्ली: केंद्रीय सरकार ने 11 सितंबर को एक बड़ा फैसला लिया है. अब 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिक आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “हम प्रत्येक भारतीय के लिए किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में लिखा गया था कि इस योजना से 4.5 करोड़ परिवार को लाभ मिलेगा.
सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा सरकार को अपना रुख इस योजना के बारे में जो सीएजी की ताजा रिपोर्ट में लिखा है उसे स्पष्ट करना चाहिए.
आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे. जैसे इस योजना में क्या है, किसे लाभ मिलेगा, कहां इसे इस्तेमाल कर सकेंगे, अगर प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस है, तब क्या करें ? आइए आपके मन में उठ रहे इन सारे सवालों का जवाब देते हैं .
क्या है यह योजना ?
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना केंद्रीय सरकार द्वारा डेस्क के गरीब नागरिकों के लिए है. इस योजना में 5 लाख रुपए का कवर प्रत्येक परिवार को इलाज के लिए दिया जाता है. अब केंद्रीय सरकार ने इस योजना में 70 वर्ष की उम्र से अधिक आयु के नागरिकों को अलग से 5 लाख का कवर देने की घोषणा की है. इस योजना की शुरुआत साल 2018 में हुई थी.
भारतीय जनता पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में यह कहा था कि उनकी सरकार आने से वह आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करेंगे. अब इस योजना में सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया गया है.
किसे कितना मिलेगा लाभ ?
अब इस योजना में 70 वर्ष से अधिक के सभी लोगों को इसका लाभ मिलेगा. इस योजना का लाभ किसी भी वर्ग के नागरिक ले सकते हैं, भले उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो. आने वाले वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना के तहत अलग से आयुष्मान कार्ड जारी किए जाएंगे. केंद्रीय रेल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा की समाज में बदलाव आ रहा है. अब संयुक्त परिवार से एकल परिवार हो रहे हैं. यह योजना वरिष्ठ नागरिकों के सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के कवरेज के लिए बहुत बड़ा स्टेप है. उन्होंने आगे कहा की जिस भी परिवार के वरिष्ठ नागरिक आयुष्मान भारत योजना में पहले से हैं. अब उन्हें अलग से 5 लाख रुपए का टॉप-अप कवर मिलेगा. इस योजना की एक और खास बात यह है कि वह अपने परिवार के 70 वर्ष से कम आयु के लोग के साथ शेयर कर सकेंगे. वहीं, जो परिवार आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर नहीं है. उन परिवारों के 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को भी इसका लाभ मिल सकेगा.
योजना में शेयर्ड का क्या है मतलब ?
इस योजना को शेयर्ड बेस्ड इसलिए रखा गया है क्योंकि यह योजना परिवार पर आधारित है. किसी भी परिवार के 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति इस योजना को साझा तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजन में शेयर्ड का मतलब यह है कि बुजुर्ग नागरिकों के साथ साझा. उन्होंने कहा की अगर मान लीजिए की किसी परिवार में 70 साल से अधिक उम्र का व्यक्ति है तो यह 5 लाख का कवर उन दोनों के लिए होगा.
कौन नहीं उठा सकेगा लाभ ?
इस योजना में 70 साल और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों जो पहले से ही केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं (सीजीएचएस), पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) या आयुष्मान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) जैसी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, उनके पास दो विकल्प हैं. पहला मौजूदा स्वास्थ्य योजना में बने रह सकते हैं. दूसरा,या फिर एबी पीएम-जेएवाई योजना का विकल्प चुन सकते हैं.
योजना से किन अस्पतालों में करवा पाएंगे इलाज ?
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी में उपलब्ध जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दिल्ली ऐसे राज्यों में एक भी आयुष्मान कार्ड नहीं बना है. जबकि ये योजना पुरे देश भर में लागू है. आयुष्मान भारत एक कैशलेस स्कीम है. इस योजना के तहत मरीज के इलाज का खर्च केंद्र और राज्य सरकार उठाती है. इस योजना के तहत मरीज अपना इलाज सरकारी अस्पताल के साथ साथ प्राइवेट अस्पताल में भी करवा सकते हैं.
प्राइवेट कंपनियों का बीमा रखने वाले नागरिकों का क्या ?
सरकार ने 70 साल और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह योजना की घोषणा की है. जिन वरिष्ठ नागरिकों ने निजी कंपनियों से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदी है या जो कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत आते हैं, वे भी एबी पीएम-जेएवाई योजना के लाभ के पात्र होंगे.
सरकार के बयान के अनुसार, इन वरिष्ठ नागरिकों को मौजूदा बीमा योजनाओं में बने रहने या एबी पीएम-जेएवाई का विकल्प चुनने का अधिकार मिलेगा.
कैसे उठा सकते हैं योजना का लाभ ?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना की शुरुआत बहुत जल्द ही की जाएगी. वरिष्ठ नागरिकों से उन्होंने अपील की है की वह इसके लिए आवेदन करें. उन्होंने बताया कि यह एक बहुत बड़ा कार्यक्रम है और इसके लिए शुरुआती रकम 3,437 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि यह एक डिमांड बेस्ड स्कीम है और यदि डिमांड बढ़ती है, तो इसके अनुसार योजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा.
योजना की क्या है चुनौतियां?
देश के कई प्रमुख डॉक्टरों ने इस योजना का स्वागत किया है, लेकिन कांग्रेस ने मौजूदा योजनाओं के बारे में सीएजी की रिपोर्ट पर ध्यान देने की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि सीएजी की रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि लाभार्थियों को कितनी सुविधाएं मिल रही हैं और कितनी अनियमितता हो रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को पहले इन मुद्दों पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए और नारेबाजी और योजनाओं के बारे में घोषणाओं से योजनाएं लागू नहीं होतीं.