नई दिल्ली: शराब का सेवन भारतीय समाज में एक गलत प्रथा है, लेकिन इसके प्रति खर्च और लत का पैमाना विभिन्न राज्यों में अलग-अलग है। एक नई रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ है कि शराब पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले राज्यों में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का नाम प्रमुखता से सामने आया है। इस लेख में हम शराब पर खर्च, विभिन्न राज्यों के बीच की शराब पर खर्च की स्थिति, और शराब की लत के पीछे के विज्ञान पर गौर करेंगे ।
WHO का कहना है की शराब पीने वाले की होगी मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में शराब के सेवन के कारण 26 लाख लोगों की मौतें हुईं। इनमें से 4.74 लाख मौतें दिल की बीमारियों से संबंधित थीं। यह आंकड़ा शराब के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों को उजागर करता है।
शराब पर सबसे कम खर्च करता है उत्तर प्रदेश
शराब पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले राज्य, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश प्रमुख राज्य हैं। यहां शराब पर सबसे अधिक खर्च किया जाता है। एक रेगुलर सर्वे के अनुसार तेलंगाना में एक परिवार शराब पर प्रति वर्ष ₹1623 खर्च करता है (2022-23 के लिए मौजूदा कीमतों के अनुसार)। वहीं आंध्र प्रदेश में एक परिवार लगभग ₹1306 खर्च करता है।इन राज्यों के अलावा, अन्य राज्य भी इस लिस्ट में शामिल हैं। पंजाब में ₹1245 प्रति परिवार, छत्तीसगढ़ में ₹1227 प्रति परिवार और ओडिशा में ₹1156 प्रति परिवार शराब के खर्च की ओर जाता है। ये आंकड़े बताते हैं कि शराब पर खर्च करने की प्रवृत्ति दक्षिणी और पूर्वी भारत के राज्यों में अधिक है।
वहीं दूसरी ओर, कुछ राज्यों में शराब पर खर्च बहुत कम है। उत्तर प्रदेश में ₹49 प्रति परिवार। राजस्थान में ₹140 प्रति परिवार। त्रिपुरा में ₹148 प्रति परिवार। मध्य प्रदेश में ₹197 प्रति परिवार और असम में ₹198 प्रति परिवार शराब पर खर्च होता है। इन राज्यों में शराब पर खर्च की ये कम गति, वहां के सामाजिक और सांस्कृतिक उसूलों का संकेत हैं।
शराब की लत आखिर है क्या और इसके कारण क्या हैं ?
शराब की लत एक जटिल समस्या है, जिसका संबंध केवल सामाजिक आदतों से नहीं। बल्कि जेनेटिक्स और न्यूरोकेमिस्ट्री से भी है। किंग्स कॉलेज लंदन में की गई एक स्टडी के अनुसार RASGRF-2 नामक जीन शराब पीने की खुशी पर प्रभाव डाल सकता है। यह जीन डोपामाइन के लेवल्स को प्रभावित करता है, जो दिमाग में सुख और आनंद से जुड़ा है। जिन लोगों में ये जीन मौजूद होते हैं, तो शराब पीने के बाद डोपामाइन का स्तर अधिक बढ़ सकता है। इससे शराब का आनंद भी बढ़ जाता है। इस स्टडी से पता चलता है कि जिन लोगों में यह जीन होता है, उन्हें शराब की लत लगने की संभावना अधिक होती है।
शराब पर खर्च और उसकी लत
भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है। विभिन्न राज्यों में शराब पर खर्च की प्रवृत्तियां और शराब की लत के पीछे के विज्ञान को समझना। समाज के स्वास्थ्य और नीति निर्धारण के लिए आवश्यक है। यह जानकारी हमें न केवल शराब की खपत के पैटर्न को समझने में मदद करती है, बल्कि शराब की लत और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने में भी सहायक है।