जमशेदपुर: हरतालिका तीज हिन्दुओं का एक बहुत ही प्रिय त्यौहार है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, उनके अच्छे स्वास्थ्य और संतान की वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। हर साल हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। स्त्रियां बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ इस पूजा और व्रत को रखती हैं।
तीज पर माता पार्वती को भेंट करें बिछिया
ये पर्व 16 श्रृंगार का मान और महत्व रखता है। माता पार्वती को साड़ी और सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। कहा जाता है कि हरतालिका तीज के दिन सौभाग्यवती महिलाएं माता पार्वती को विशेषकर बिछिया जरूर अर्पित करें। भगवान शिव से मनोकामना पूर्ण कराने की प्रार्थना करें। ऐसा करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं। भगवान शिव और माता पार्वती आपके ऊपर प्रसन्न होकर मनचाहे फल की पूर्ति होने का आशीर्वाद देते हैं। हरतालिका तीज का पावन त्यौहार इस वर्ष 6 सितंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री वेदमूर्ति नंद सरस्वती जी ने बताया कि प्रतिवर्ष सौभाग्यवती स्त्रियां भाद्रपद शुक्ल तृतीया को यह पवित्र पर्व बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और फिर अगले दिन पूजा के बाद इस व्रत का पारण किया जाता है।
संतानों के धर्म के विषय में की जाने वाली हरितालिका तीज का ये व्रत एक विशेष महत्व रखती है। नियमों के अनुसार औरतें इस दिन अपने पति के लम्बे आयु और उनकी समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। प्रति वर्ष तीज का महापर्व भादो महीने के तृतीय को मनाया जाता है। महिलाएं बड़े श्रद्धा भाव के साथ तीज की पूजा करती हैं और इसका व्रत करती हैं। मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन निर्जला व्रत रखने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पति को दीर्घायु जीवन प्राप्त होता है। शिव महापुराण के अनुसार भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह पर्व मनाने का उल्लेख है। इस बार तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर होगा। उदया तिथि के चलते हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर हस्त नक्षत्र ब्रह्म योग को रखा जाना शास्त्र सम्मत है। इस साल रखा जाने वाला हरतालिका तीज का व्रत 14 वर्षों बाद अत्यधिक शुभ योग में रखा जाएगा। हरतालिका तीज व्रत के दिन श्रद्धालुओं को अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि हरतालिका तीज के दिन सुहागन स्त्रियां और बालिकाएं यानी कुवांरी लड़कियों को पूर्ण श्रृंगार करके ही पूजा करना चाहिए। शिव महापुराण के अनुसार, इस व्रत को कुंवारी लड़कियों द्वारा भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। जैसे मां पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए कठिन व्रत और तप किया था।
व्रत रखने से पति को मिलती है लंबी आयु
हरतालिका तीज को हिंदू धर्म में सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। प्रदोष काल पूजा मुहूर्त शाम के समय 6 बजकर 33 मिनट से रात के 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। हरतालिका तीज व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। घर में पुरे साल सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस व्रत को रखने वाली महिलाओं के घर में कभी किसी भी परिवार के सदस्य की अकाल मृत्यु नहीं होती है।