जमशेदपुर : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शनिवार को मानगो के गांधी मैदान में स्टुडेंट्स को साइकिल का वितरण किया। इसके अलावा, महिलाओं को सिलाई मशीन भी बांटी गई। मंत्री ने प्रतीकात्मक तौर पर पांच छात्राओं को साइकिल दी। इसके बाद 500 स्टुडेंट्स को साइकिल और 450 महिलाओं को सिलाई मशीन बांटी गई। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जब साइकिल व सिलाई मशीन बांट कर निकल रहे थे तभी शंकोसाई की कुछ महिलाएं अपनी बेटियों के साथ पहुंचीं और हंगामा कर दिया। महिलाओं ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से कहा कि खड़िया बस्ती के सरकारी स्कूल के हेडमास्टर ने उनकी बच्चों को साइकिल नहीं दी है। इन बच्चों का नाम रजिस्टर में था मगर, शनिवार की सुबह लाल पेन से काट दिया गया। पूछने पर हेडमास्टर ने जवाब दिया कि ऊंची जाति के बच्चों को साइकिल नहीं मिलेगी। मंत्री ने अपने प्रतिनिधि को मामले को देखने के लिए कह दिया है। प्रतिनिधि अर्जुन सिंह ने बताया कि जो महिलाएं साइकिल नहीं मिलने की बात कह रही हैं वह सामान्य जाति की हैं। जबकि, साइकिल वितरण योजना अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए है। एक महिला रूबी देवी का कहना था कि जब उनके बच्चों को साइकिल नहीं मिलनी थी तो उनके नाम रजिस्टर में क्यों लिखे गए थे।
मैट्रिक में फेल हुए थे मंत्री
साइकिल वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्टुडेंट्स को खूब हंसाया। कहा कि वह मैट्रिक में फेल हो गए थे। इसके पहले भी एक कक्षा में फेल हुए थे। तब जाकर हेडमास्टर को धमकाया था कि क्या एक साल और स्कूल में हंगामा कराना है। तब हेडमास्टर ने पास कर दिया था। मगर, मंत्री के पिता हेडमास्टर से मिले और कहा कि जब 22 स्टुडेंट फेल हुए हैं तो बन्ना को ही क्यों पास कर दिया। इसके बाद बन्ना को फिर फेल कर दिया गया। बन्ना गुप्ता ने अपना यह किस्सा स्टुडेंट को बहुत चटखारे के साथ बताया। बोले कि उनका बच्चा रोते हुए एक दिन आया। मंत्री ने पूछा कि क्या हुआ। बोला पापा कम नंबर आया है। जब बन्ना ने पूछा कि कितना नंबर आया है। तो बेटे ने बताया कि 93 परसेंट। तब बन्ना बोले कि बेटा 93 परसेंट में रो रहे हो। हम तो फेल हो गए थे।
पैसा आया तो दूर हो जाएगी गरीबी
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये दबाए बैठी है। सुप्रीम कोर्ट से आदेश होने के बाद भी केंद्र सरकार यह रकम नहीं दे रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार यह रकम दे दे तो झारखंड की गरीबी दूर हो जाएगी। इसके बाद इंडिया गठबंधन की सरकार मइयां योजना जैसी कई योजनाएं जनता को देगी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का पैसा है। इसे केंद्र सरकार को देना ही होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब जब भी कैबिनेट की मीटिंग होती है तो मीडिया और विपक्षी इस बात की ताक में रहते हैं कि क्या हो रहा है। मंत्री ने कहा कि अब हर कैबिनेट मीटिंग में कोई न कोई जनहित की योजना लांच होती है।