जमशेदपुर : सनातन धर्म में भोग के रूप में पकवान पहले भगवान को चढ़ाए जाते हैं, उसके बाद ही दूसरे उस प्रसाद को ग्रहण करते हैं। घर और मंदिर दोनों जगहों पे यही नियम का पालन किया जाता है। भगवान को कम से कम दो बार भोग लगाया जाता है। परंतु जब बात भगवान को भोग लगाने की आती है, उसमें कई नियमों का पालन करना होता है।
गलती से भी ये न करें :
कुछ लोग भगवान को भोग लगाने के बाद उसे वहीं रख के छोड़ देते हैं। शस्त्रों के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है। हमें इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए।
आइए जानते है भोग चढ़ाने का नियम ?
आज हम जानेंगे कि भगवान के सामने कितनी देर तक भोग रखना चाहिए। यदि आप घर में भगवान को भोग लगा रहे हैं, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भोग को वहां ज़्यादा देर के लिए नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि भोग को ज़्यादा देर तक वहां रख देने से नकारात्मक शक्तियां उसे ग्रास करती हैं। इसके बाद अगर कोई इस भोग को ग्रहण करता है, तो उसके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
भगवान को लगाएं ताज़ा भोग :
शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान को हमेशा ताजा भोग लगान चाहिए। इसके साथ उनको जल भी देना चाहिए। यदि आप विष्णु या राधा कृष्ण को भोग लगा रहे हैं तो उस भोग में तुलसी का पत्ता देना न भूलें और जल में भी तुलसी का पत्ता डाल दें। वहीं अगर गणेश जी को भोग लगा रहे हैं तो उसमें गलती से भी तुलसी का पत्ता न दें, उनके जल में थोड़ा सा कपूर डालकर दे सकते हैं।
कितने देर तक रखें भोग को ?
भगवान को भोग लगाकर 5 मिनट एकांत में भोग ग्रहण कर लेने दें। इसके बाद ही भोग को पूजा घर से उठाकर लोगों में प्रसाद बांट दें। ये प्रसाद जितने लोगों में आप बाटेंगे आपको उतना ही पुण्य प्राप्त होगा। भगवान को पीतल, सोने, तांबे या लकड़ी के बर्तन में ही भोग लगाएं।