नई दिल्ली: जूडियो का नाम तो आपने सुना ही होगा. आपने कभी न कभी वहां से खरीदारी भी की होगी. खरीदारी करते समय क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर क्यों इतने कम दाम में जूडियो कपड़े बेचता है. क्या है इसके पीछे का राज़. इस खबर में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों इतने सस्ते दामों में जूडियो कपड़े बेचता है. कैसे जूडियो इतना बड़ा एम्पायर बन गया. जूडियो भारत का एक जाना माना फैशन रिटेल चेन है. जुडियो टाटा ग्रुप की कंपनी Trent.Ltd का एक हिस्सा है. इसका रेवेन्यु 12,375.11 करोड़ रूपए है. अकेले जूडियो का रेवेन्यु इसमें 7,000 करोड़ रुपए का है . जूडियो Trent.Ltd के टोटल रेवेन्यु में एक तिहाई से अधिक का योगदान देता है. कुछ साल पहले यह 8 प्रतिशत था. बहुत ही कम समय में जूडियो पुरे देश का फेवरेट ब्रांड बन गया है. देश के 163 शहरों में जूडियो के 545 शॉप मौजूद हैं. कंपनी इसी महीने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए दुबई में जूडियो स्टोर की ओपनिंग करने वाली है. दुबई के सिलिकॉन ओएसिस मॉल में जुडियो का नया स्टोर बनाया गया है.
Trent.Ltd की शुरुआत भारत की आजादी के कुछ सालों बाद हुई थी. रतन टाटा को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यह सुझाव दिया था कि वह एक इंडियन कॉस्मेटिक ब्रांड शुरू करें. रतन टाटा ने नेहरू की बात मानते हुए 1952 में लैक्मे कॉस्मेटिक ब्रांड की शुरुआत की थी. लैक्मे देश में काफी समय तक टॉप का कॉस्मेटिक ब्रांड बना रहा था. टाटा ग्रुप ने अपने रिटेल इंडस्ट्री पर नेहरू पर सुझाव के बाद नए सिरे से काम किया. टाटा ने भारतीय मजदूर को अपने टेक्सटाइल इंडस्ट्री में साल 1886 में ’पीपल फर्स्ट’ का नारा देते हुए काम करने के लिए प्रेरित किया था. इसके कारण उन्हें काम में ज्यादा दिक्कत नहीं आई. लक्मे ने 1958 में लिटिल वुड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को टेकओवर किया था. इसके बाद LIIP के साथ लक्मे एक्सपोर्ट्स लिमिटेड को मर्ज कर दिया था और एक नई कंपनी बनाई थी. इस कंपनी का नाम ट्रेंट लिमिटेड था. ट्रेंट आज के समय में 1.65 लाख करोड़ मार्केट कैप की कंपनी है .
जूडियो ने 3 स्ट्रैटजी के कारण मारी बाजी
जूडियो अपने तीन स्ट्रेटजी के कारण देश की फेवरेट ट्रेंड स्टोर बन गई है. इसमें सबसे पहली स्ट्रेटजी जूडियो की यह थी कि देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को कम खर्चे में अच्छी क्वालिटी के कपड़े दे सके. जूडियो ने अपना टारगेट कस्टमर मिडिल क्लास और यंगस्टर को रखा. जिन्हें वह ट्रेंडी और कम दामों में अच्छे क्वालिटी के कपड़े दे सके. एक और खास बात यह है कि कंपनी के पास इन हाउस डिजाइनर अवेलेबल है. डिजाइनर की टीम लेटेस्ट ट्रेंड पर रिसर्च करती है और 12 दिनों के अंदर ही उसे प्रोडक्ट पर काम करके उसे लॉन्च कर देती है.
क्या कारण है कम दाम में कपड़े बेचने का
एक ड्रेस को डिजाइन करने के लिए कोई भी बड़ी कंपनी लाखों खर्च करती है. कई बार तो ड्रेस डिजाइन करने के लिए वह फेमस डिज़ाइनर को भी हायर करते हैं. फिर सारे खर्चों को मिलाकर अंत में ड्रेस या आउटफिट की कीमत तय की जाती है. लेकिन जूडियो की स्ट्रैटेजी इससे बिल्कुल अलग है. जूडियो के पास अपनी इन हाउस फैशन डिजाइनिंग की टीम है. इसमें वह फैशन इंस्टीट्यूट के बच्चों को काम करने का मौका देती है. इसके बाद जूडियो की खुद की डिजाइन को तैयार किया जाता है. यही एक कारण है कि स्टूडियो की डिजाइनिंग कॉस्ट कम होती है या ना के बराबर होती है. वह मार्केट में मौजूद पुराने डिजाइन को नए डिजाइन के साथ कॉपी करते हैं. इसके कारण डिजाइनिंग का खर्च और कम हो जाता है.
एक और खास बात यह भी है कि जूडियो प्रोडक्ट को बहुत ही बल्क में मैन्युफैक्चर करता है. इसके कारण पूरी यूनिट की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट कम आती है. यही कारण है कि जूडियो अपने सारे प्रोडक्ट्स को बहुत ही सस्ते दामों में बेचता है.
जुडियो नहीं करती एडवर्टाइजमेंट
ऐसा माना जाता है कि किसी भी कंपनी को ग्रो करने के लिए एडवर्टाइजमेंट बहुत जरूरी होती है. हर बड़ी कंपनी खुद को ग्रो करने के लिए एडवर्टाइजमेंट का सहारा लेती है. एडवर्टाइजमेंट के लिए कंपनियां अरबों रुपए खर्च करती हैं. टाटा ग्रुप एक ऐसा ग्रुप है जहां नमक से लेकर कार तक बेची जाती हैं. इसके लिए टाटा ग्रुप खुद एडवर्टाइजमेंट करता है. लेकिन जूडियो के लिए टाटा ग्रुप ने अलग ही तरीका अपनाया है. जूडियो अपने स्टोर के लिए किसी एरिया या किसी माल के ऐसे एरिया को चुनता है जहां लोगों का आना-जाना बहुत होता है. इसके कारण न चाहते हुए भी लोगों का ध्यान जूडियो स्टोर की तरफ आकर्षित होता है. जैसे ही कस्टमर स्टोर में एंट्री करता है और उसे प्रोडक्ट की अच्छी क्वालिटी और कम दामों के बारे में पता चलता है तो वह और भी लोगों को उसके बारे में बताता है. इससे जुडियो का माउथ एडवर्टाइजमेंट हो जाता है और जूडियो को एडवर्टाइजमेंट में खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती .
साल 2023-24 में जुडियो ने अब तक हर मिनट में 90 टी-शर्ट हर एक घंटे में 20 जींस, हर घंटे में 17 लिपस्टिक और हर एक घंटा में 19 परफ्यूम्स बेचे हैं.
जूडियो का एडवर्टाइजमेंट करने के लिए ब्लॉगर और इनफ्लुएंसर का भी बहुत बड़ा रोल है. वही जूडियो स्टोर पर विजिट करते हैं और अपने जूडियो में जूडियो के सारे लेटेस्ट कलेक्शन के बारे में बताते हैं. वह सारे कलेक्शन के प्राइस और अपना पर्सनल रिव्यू देते हैं. इसके कारण स्टूडियो स्टोर के ऑफर्स और उनके कपड़ों की क्वालिटी और दामों के बारे में लाखों लोगों को पता चलता है. इससे काफी लोग जूडियो स्टोर के तरफ आकर्षित होते हैं.
जुडियो की नो डिस्काउंट पॉलिसी
दुनिया भर के सारे ब्रांड अपने कस्टमर को अट्रैक्ट करने के लिए डिस्काउंट पॉलिसी अपनाते हैं. इसमें कस्टमर के लिए साल में लगभग 3 से 4 बार सेल लगाए जाते हैं. भारत में जैसे 15 अगस्त और 26 जनवरी को हर ब्रांड के प्रोडक्ट्स पर स्पेशल ऑफर दिए जाते हैं. इसके कारण लोगों को ब्रांडेड कपड़े खरीदने के लिए पूरे साल इन दिनों का इंतजार करना पड़ता है. वहीं जुडियो साल भर लोगों को रीजनेबल दामों में अच्छी क्वालिटी के कपड़े बेचता है. जूडियो को कस्टमर को सेल का इंतजार करने की जरूरत नहीं होती. वह पूरे साल कभी भी वीडियो स्टोर विजिट कर के रीजनेबल प्राइस पर शॉपिंग कर सकते हैं.