भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेपाल की यात्रा पर हैं। वह चार दिन की यात्रा पर काठमांडू में हैं। यहां वह नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और नेपाल की सेना के प्रमुख से बात करेंगे। भारतीय थल सेनाध्यक्ष की यह नेपाल यात्रा दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए है। इन दिनों भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती को लेकर भारत और नेपाल में विवाद चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन मुद्दों पर भी बातचीत संभव है।
नेपाल में भारतीय थल सेनाध्यक्ष को नेपाल सेना के जनरल का मानद रैंक दिया जाता है। यह परंपरा 1950 से चल रही है। इस परंपरा के तहत गुरुवार को आज 21 नवंबर 2025 को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल भारतीय थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी को इस उपाधि से नवाजेंगे। इसे लेकर काठमांडू में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। माना जा रहा है कि इस यात्रा से नेपाल और भारत के बीच सैन्य संबंधों को मजबूती मिलेगी। दोनों देशों के बीच मित्रता में घनिष्ठता आएगी और इनके रणनीतिक संबंध में मजबूत होंगे। भारतीय थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी नेपाल के मस्तांग इलाके में स्थित मुक्तिनाथ मंिर का भी दर्शन करने जाएंगे।
24 नवंबर तक नेपाल में रहेंगे थल सेनाध्यक्ष
भारत के थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी 24 नवंबर तक नेपाल में रहेंगे। इससे पहले उनका नेपाल के थल सेनाध्यक्ष अशोक राज सिगडेल से मुलाकात करने का है। थल सेनाध्यक्ष की मुलाकात नेपाल के रक्षा मंत्री मनबीर राय से भी होगी। नेपाल भारत के लिए काफी अहम है। दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता सदियों से रहा है। नेपाल भारत के रास्ते ही समुद्र तक पहुंचता है। नेपाल का समुद्री आयात भारत के जरिए ही होता है। यही नहीं, नेपाल भारत से काफी सामान आयात करता है और दोनों के बीच अच्छे व्यापारिक रिश्ते हैं।