रांची: झारखंड में शनिवार और रविवार को झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन का झारखंड जेनरल ग्रेजुएट लेवल कंबाइंड कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन (JGLCCE) 2023 होगा। इस परीक्षा के चलते सरकार ने शनिवार और रविवार को सुबह 8:00 से दोपहर 1:30 तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बाधित रखने का फैसला किया है। शनिवार को आज सुबह 8:00 से पूरे प्रदेश में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई है। सरकार ने यह फैसला परीक्षा में चीटिंग रोकने के लिए किया है। यह परीक्षाएं प्रदेश के सभी 24 जिलों में आयोजित की जा रही हैं। इन परीक्षाओं में 6 लाख 40 हजार कैंडीडेट्स भाग ले रहे हैं। पूरे प्रदेश में 823 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
फ्री एंड फेयर एग्जाम करने को रोकी गई इंटरनेट सेवाएं
झारखंड सरकार की सोच है कि इस परीक्षा को फ्री एंड फेयर बनाया जाए। पारदर्शी तरीके से परीक्षा होनी चाहिए। इसीलिए इंटरनेट बंद करने का फैसला किया गया है। क्योंकि, पिछली कई परीक्षाओं में जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि परीक्षार्थी व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, टेलीग्राम आदि के जरिए परीक्षा में नकल और चीटिंग करते हैं। यह सभी एप्लीकेशन इंटरनेट और वाई-फाई कनेक्टिविटी के जरिए चलते हैं। यही वजह है कि सरकार ने इंटरनेट को ठप कर दिया है। ताकि परीक्षा में नकल करने वाले परीक्षार्थी अनुचित साधनों का प्रयोग ना कर सकें। मेहनत कर पढ़ाई करने वाले परीक्षार्थियों को उसकी मेहनत का लाभ मिल सके। सरकार ने फैसला किया है कि अब प्रतियोगी व जॉब देने वाली परीक्षाओं को लेकर आम आदमी के मन में किसी तरह का शक नहीं होना चाहिए। इसीलिए परीक्षा को लेकर जितने भी लूप होल्स हैं उनको ठीक किया जा रहा है।
अफवाहों पर रोक लगेगी
सरकार को पता चला है कि कुछ असामाजिक तत्व और संगठित लोग संगठित तरीके से इन परीक्षाओं को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाने वाले हैं। ताकि परीक्षा प्रणाली को अस्थिर किया जा सके।
नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनी पर होगी कार्रवाई
प्रदेश भर में इंटरनेट सेवा बाधित रहने संबंधी आदेश गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने जारी किया है। प्रदेश सरकार ने यह कार्रवाई इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 के क्षेत्र 52 टेंपरेरी सस्पेंशन के सस्पेंशन ऑफ़ टेलीकॉम सर्विसेज अमेंडमेंट रूल 2020 के आधार पर की है। किसी भी कंपनी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इंटरनेट सेवा बहाल करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 के सेक्शन 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी। कंपनी पर जुर्माना हो सकता है।