भारतीय रेलवे को झटका,100 वंदे भारत ट्रेनों का ऑर्डर कैंसिल, जानें क्यों इंडियन रेल ने किया टेंडर कैंसिल
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आई है। मोदी सरकार द्वारा वंदे भारत एक्सप्रेस के निर्माण से संबंधित 30 हजार करोड़ रुपये का ठेका रद्द कर दिया गया है। इस निर्णय से रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना को बड़ा झटका लगा है। इसके तहत 2027-2028 तक देश के हर कोने तक वंदे भारत एक्सप्रेस की सेवाएं पहुंचाई जानी थीं।
सरकार ने इस योजना के तहत 100 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन टेंडर पूरा होने से पहले ही भारतीय रेलवे ने इस कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया है। इसका अर्थ है कि वंदे भारत ट्रेनों की आपूर्ति और उनके संचालन में अब काफी देरी होगी।
भारतीय रेलवे ने बताया कि इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के लिए उन्हें अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। इस नई स्थिति के चलते देशभर के लंबे रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों के संचालन में और अधिक समय लग सकता है।
वंदे भारत योजना को रेलवे का बड़ा झटका
भारतीय रेलवे की वंदे भारत योजना को बड़ा झटका लगा है। रेलवे द्वारा जारी किए गए टेंडर में विश्व की प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया था, लेकिन अंतिम बातचीत फ्रांस की कंपनी आल्सटम के साथ ही पहुंची। पैसों पर सहमति न बन पाने के कारण रेलवे ने टेंडर वापस ले लिया है। इस कदम से वंदे भारत ट्रेनों की निर्माण योजना में देरी हो सकती है।
टेंडर में लगी बड़ी बोली
फ्रांसीसी कंपनी आल्सटम को अपनी वंदे भारत योजना के टेंडर में बोली लगाने पर विवाद का सामना करना पड़ा है। एक ट्रैन की कीमत आल्सटम ने 150.9 करोड़ रुपये बताई, जबकि रेलवे की अपेक्षा 140 करोड़ रुपये से अधिक नहीं थी। बाद में आल्सटम ने 145 करोड़ रुपये की नई बोली दी, लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बन पाई। परिणामस्वरूप, रेलवे ने टेंडर को रद्द कर दिया।
वंदे भारत की स्टेनलेस स्टील ट्रेनों की कीमत 120 करोड़ रुपये
आल्सटम के CEO हेनरी पुपार्ट-लाफार्ज ने जुलाई 2023 में कहा था कि कंपनी नई एल्युमिनियम टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी और प्रोजेक्ट के लिए उचित कीमत दी है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 120 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन के हिसाब से स्टेनलेस स्टील वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का पहला कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।