नई दिल्ली: इंडियन रेलवे के सफर में अक्सर यात्रियों का टिकट वेटिंग लिस्ट में चला जाता है, जिसका मतलब होता है कि टिकट अभी कंफर्म नहीं हुआ है। ऐसे में कई यात्री जनरल डिब्बे में सफर करने का विकल्प चुन लेते हैं। लेकिन क्या वेटिंग टिकट के साथ जनरल बोगी में सफर करना कानूनी रूप से सही है? जानें इसके बारे में विस्तार से। रेलवे के नियमों के अनुसार, वेटिंग टिकट पर जनरल डिब्बे में सफर करना पूरी तरह से गैरकानूनी है। यदि आपका टिकट कंफर्म नहीं हुआ है, तो आप उस टिकट के आधार पर यात्रा नहीं कर सकते हैं। यदि आप वेटिंग टिकट पर जनरल डिब्बे में सफर करते हैं और रेलवे के टिकट इंस्पेक्टर (टीटीई) द्वारा पकड़े जाते हैं, तो आपको दंड और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है:
1. एसी कोच में वेटिंग टिकट: यदि आप वेटिंग टिकट के साथ एसी कोच में यात्रा कर रहे हैं और पकड़े जाते हैं, तो आपको 440 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, टीटीई के पास आपको ट्रेन से उतारने का पूरा अधिकार होता है।
2. स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट: वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर कोच में सफर करने पर, आपको 250 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
अगर आपका टिकट वेटिंग लिस्ट में है और कंफर्म नहीं हुआ है, तो इसका मतलब है कि आपका टिकट कैंसिल हो गया है। अगर आप उसी ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको जनरल टिकट खरीदना होगा। वेटिंग टिकट के साथ जनरल डिब्बे में यात्रा करना रेलवे के नियमों के खिलाफ है और इसके लिए जुर्माना या अन्य दंड की संभावना रहती है। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपने टिकट की नियमित रूप से जांच करें और वेटिंग टिकट के साथ जनरल डिब्बे में सफर करने से बचें। यदि आपका टिकट कंफर्म नहीं हुआ है, तो लीगल गाइडलाइन्स का पालन करें और किसी भी दंड से बचने के लिए उचित कार्रवाई करें