नीट यूजी 2024 पेपर लीक मामला : दो पेपर सप्लायर की गिरफ्तारी के बाद सामने आएगा मास्टरमाइंड का नाम, दिल्ली व पटना से लेकर बेंगलुरु तक फैला है नेटवर्क
दो पेपर सप्लायर की गिरफ्तारी के बाद सामने आएगा मास्टरमाइंड का नाम, दिल्ली व पटना से लेकर बेंगलुरु तक फैला है नेटवर्क
जमशेदपुर: नीट यूजी की 5 मई को हुई परीक्षा के बाद पेपर लीक मामले को लेकर देश भर में तूफान मचा हुआ है। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई पेपर लीक कांड की तह तक जाने में जुटी हुई है। बिहार पुलिस ने इस मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें सिकंदर प्रसाद यादुवेंद्र, आयुष कुमार, अखिलेश कुमार, बिट्टू कुमार, अमित आनंद, डॉक्टर शिव कुमार आदि शामिल हैं। गिरफ्तार लोगों में चार अभ्यर्थी, 6 साल्वर और तीन अभिभावक शामिल हैं। गिरफ्तार अभ्यर्थियों में अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार, अभिषेक और आयुष राज हैं। एक गिरफ्तार अभ्यर्थी आयुष राज ने बिहार पुलिस को बताया है कि उन्हें 4 मई की रात जो पेपर दिया गया था, वही परीक्षा में भी आया था। पुलिस को यह सूचना भी मिली है कि पटना एयरपोर्ट के पास स्थित एनएचएआई के गेस्ट हाउस में कमरा नंबर 404 में ठहरे आरोपियों ने नीट का पेपर उपलब्ध कराया था। यह कमरा सिकंदर प्रसाद यादुवेंद्र ने बुक किया था और यहां एक अभ्यर्थी अनुराग भी मौजूद था। 15 अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है।
वैशाली के दो युवकों ने पटना में उपलब्ध कराया था नीट का पेपर
बिहार पुलिस ने नीट का पेपर व्हाट्सएप पर भेजने वाले दो आरोपियों का भी पता लगा लिया है। पेपर सप्लाई करने वाले यह दो आरोपी बिहार के वैशाली के रहने वाले अतुल वत्स और अंशुल सिंह हैं। बिहार पुलिस ने इन दोनों की तलाश में वैशाली और पटना में कई ठिकानों पर छापामारी की है। लेकिन, अभी तक यह दोनों फरार चल रहे हैं। बिहार पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड का पता चल जाएगा। पुलिस मास्टरमाइंड तक पहुंच जाएगी। आरोपी अतुल वत्स और अंशुल सिंह बताएंगे कि उन्हें नीट का पेपर किसने उपलब्ध कराया था। बिहार पुलिस के अधिकारियों की मानें तो पेपर लीक कांड का यह नेटवर्क पटना, दिल्ली, महाराष्ट्र के कई शहरों से लेकर बेंगलुरु तक फैला हुआ है।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की जांच में सामने आया है कि नीट का पेपर 4 मई की रात को ही पटना पहुंच गया था। साल्वर गैंग के सदस्य और अभ्यर्थी पटना के खेमनीचक में रामकृष्ण नगर स्थित लर्न बॉयज हॉस्टल और प्ले स्कूल में जमा हुए थे। यहां लगभग 40 अभ्यर्थी थे और सभी को पेपर दिया गया। उन्हें इसके जवाब रटाए गए। सिकंदर प्रसाद यादुवेंद्र अपने बेटे को लेकर यहां पहुंचा था। उसका बेटा नीट की परीक्षा दे रहा था। जांच में पता चला है कि बिहार के कई बड़े अधिकारियों के बेटे भी यहां मौजूद थे और उन्हें नीट की परीक्षा से एक रात पहले ही पेपर उपलब्ध करा दिया गया था।
छापामारी में मिले हैं नीट के अधजले पेपर
बिहार पुलिस ने इन ठिकानों पर छापामारी की तो उन्हें नीट के कई जले हुए पेपर मिले हैं। बिहार की पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से नीट का मूल पेपर मांगा है। ताकि बरामद हुए पेपर से उनका मिलान कराया जा सके। लेकिन, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने अब तक उन्हें मूल पेपर नहीं दिया है। बताते हैं कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई को मूल पेपर देने में आनाकानी कर रही है। बिहार पुलिस बरामद दस्तावेजों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भी भेजेगी। बिहार पुलिस ने 9 अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए भी बुलाया है। इन अभ्यर्थियों से अभी पूछताछ होना बाकी है यही ने बिहार पुलिस ने इस मामले को लेकर 6 अन्य आरोपियों से भी पूछताछ की है।
सुप्रीम कोर्ट को जांच की प्रगति से अवगत कराएगी पुलिस
बिहार पुलिस हॉस्टल और स्कूल के संचालक की भी तलाश कर रही है। संचालक से भी पूछताछ की जाएगी। बिहार पुलिस का मानना है कि बिना संचालक की जानकारी के हॉस्टल और स्कूल रात में कैसे खोला गया। यह बड़ा सवाल है। जिसका जवाब बिहार पुलिस खोज रही है। नीट परीक्षा की पेपर लीक का मामला शुरुआत में दबाया जा रहा था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने माना कि इसमें कुछ गड़बड़ी हुई है। लेकिन, बिहार पुलिस इस मामले में काफी आगे निकल गई और उसने अपनी जांच में साबित किया की पेपर लीक हुआ था। अब बिहार पुलिस 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में पूरी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
ग्रेस मार्क मामले में भी फंसी एनटीए
नीट के 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क दिए गए थे। मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद यह ग्रेस मार्क रद्द कर दिए गए हैं। जिन अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क दिए गए हैं। 23 जून को उनकी दोबारा परीक्षा ली जाएगी और 30 जून को रिजल्ट आएगा। ग्रेस मार्क विवाद भी गहराता जा रहा है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का कहना था कि कुछ सवाल आउट ऑफ सिलेबस हैं और कुछ किताबें नहीं थी, जिनकी वजह से ग्रेस मार्क दिया गया। जबकि एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी का कहना है कि जिन किताबों की बात नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कर रही है वह साल 2020 से प्रिंट और ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं के भविष्य पर लगा सवालिया निशान
कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। सरकार पेपर लीक मामले नहीं रोक पा रही है। इसे लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है। लेकिन इस माहौल में प्रतियोगी परीक्षाओं के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में मेहनत कर इम्तिहान देने वाले परीक्षार्थी हतोत्साहित हो रहे हैं।